2024 राजस्थान सरकार ने माननीय वित्त मंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा के अनुरूप मुख्यमंत्री विश्‍वकर्मा पेंशन योजना 2024 की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य राज्य में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडर्स और लोक कलाकारों (लोक कलाकारों) को भविष्य की चुनौतियों का समाधान करते हुए सहायता प्रदान करना है। यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन कार्यक्रम है।

योजना में पात्र लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

योजना में रजिस्ट्रेशन हेतु MVPY के पोर्टल पर लाभार्थी द्वारा रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही की जावेगी।

पेंशन का भुगतान

  1. एक बार पात्र अभिदाता, 18 वर्ष से 45 वर्ष के बीच की आयु में इस योजना में सम्मिलित हो जाता है, तो उसे 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक अंशदान करना होगा।
  2. इस योजना के अधीन प्रत्येक अभिदाता 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के पश्चात सुनिश्चित न्यूनतम मासिक पेंशन तीन हजार रूपये प्राप्त करेगा
  3. इस योजना के तहत् पात्र अभिदाताओं को पेंशन, राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पेंशन फण्ड मैनेजर (PFM) अथवा राज्य पेंशन निधि (यथा स्थिति) द्वारा भुगतान की जावेगी।

पारिवारिक पेंशन :-

पेंशन प्राप्त करने के दौरान, यदि किसी पेंशनर की मृत्यु हो जाती है, तो उसका पति/पत्नी परिवार पेंशन के रूप में पात्र अभिदाता द्वारा प्राप्त की जाने वाली पेंशन का केवल पचास प्रतिशत पारिवारिक पेंशन के रूप में प्राप्त करने का हकदार होगा / होगी तथा ऐसी पारिवारिक पेंशन केवल पति/पत्नी के लिए ही प्रयोज्य होगी।

18 से 40 वर्ष तक के लाभार्थीयों के लिए योजना

राज्य की उक्त योजना के पात्र लाभार्थी जो 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु में योजना में प्रवेश करते है, उनको भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना (PMSYM) में सम्मिलित किया जायेगा तथा भारत सरकार द्वारा नियत लाभार्थी निजी अंशदान राशि में अंतर राशि का सहयोग तालिका के कॉलम संख्या 4 के अनुसार राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा, तदनुसार उक्त लाभार्थियों पर योजना के क्रियान्वयन के संबंध में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी प्रावधान/आदेश/निर्देश लागू होंगें।

41 से 45 वर्ष तक के लाभार्थीयों के लिए योजना

भारत सरकार की प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में आयु वर्ग 41 से 45 वर्ष के लाभार्थियों के संबंध में लाभार्थीयों का अंशदान भारत सरकार को नहीं भिजवाया जाऐगा, अपितु उनका अंशदान राज्य सरकार को दिया जाना होगा। राज्य सरकार द्वारा आयु अनुसार दिये गये अंशदान में स्वंय का हिस्सा सम्मिलिति करते हुए लाभार्थी को लाभ दिया जाऐगा। लाभार्थी द्वारा 60 वर्ष की आयु तक अंशदान दिया जाऐगा। 60 वर्ष की अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर लाभार्थी को नियमानुसार मासिक पेंशन दी जायेगी।

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